The Bhojpuri Bhasha Andolan song is not just a musical composition—it is a rallying cry for the inclusion of Bhojpuri in the 8th Schedule of the Indian Constitution.
कल्पना पटोवारी: असम से होते हुए भी भोजपुरी भाषा की लड़ाई लड़ रही हैं। वे एकमात्र भोजपुरी कलाकार हैं जिन्होंने भोजपुरी भाषा और संस्कृति के हक़ के लिए बुलंद आवाज़ उठाई है। यह बात अपने-आप में अनोखी है कि असमिया संस्कृति से आईं एक कलाकार, उत्तर भारत की भोजपुरी भाषा और लोकसंगीत की इतनी बड़ी प्रतिनिधि बन गई हैं।
वे न केवल एक प्रसिद्ध गायिका हैं, बल्कि उन्होंने हमेशा भोजपुरी समाज की अस्मिता, पहचान और अधिकारों की बात की है। उनकी कला में समाजिक मुद्दों की झलक साफ़ दिखाई देती है, और वे साक्षात्कारों और मंच से भोजपुरी की आवाज़ को मजबूती से उठाती रही हैं।उन्होंने यह भी कहा कि "भोजपुरी सिर्फ ‘लैला-मजनू’ या ‘कमर हिला के’ तक सीमित नहीं है, इसमें कबीर भी हैं, तुलसी भी हैं।"
कल्पना पटोवारी का भोजपुरी भाषा से प्रेम और समर्पण किसी प्रमाण का मोहताज नहीं है। उन्होंने भोजपुरी को न सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गौरव दिलाया है। उनके द्वारा गाया गया "भोजपुरी आंदोलन गीत" इस प्रेम का एक जीवंत प्रमाण (जीता-जागता सबूत) है।
Jaan Bhojpuriye Ba Maan Bhojpuriye Ba - यहाँ एक भोजपुरी आंदोलन गीत है, जो कल्पना पटोवारी के अंदाज़ में भाषा के लिए लड़ाई, प्रेम और गर्व को दर्शाता है: भोजपुरी भाषा के समर्थन में कल्पना पटोवारी द्वारा गाया गया गीत कम से कम एक बार अवश्य सुने 👉 https://youtu.be/GQzWb3TL-K4
Sunday, 1 June 2025
कल्पना पटोवारी: असम से होते हुए भी भोजपुरी भाषा की लड़ाई लड़ रही हैं।
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